जिसने घोडा उम्रदराज होने की वजह से पुराना और कमजोर समझ लिया था , वो एक बार बैठते ही एक बार में ही सात समंदर घूम आएगा . जिस घोड़े को शुगर की वजह से सुस्ती हो गयी थी और ट्रैक पर दौड़ने में अक्षम समझा जाने लगा था वो घुडसाल में ही कुलांचे भरने लगा .
अब ज्यादा क्या कहें , आप लोग समझदार हैं . इस योग में डाली जाने वाली चीज़ों पर दुनियां भर के वैज्ञानिक शोध कर चुके हैं, बिना किसी साइड इफेक्ट के ये 65 साल के आदमी को भी 21 जैसा नवजवान महसूस कराता है . इसमें पारा या अफीम जैसी कोई चीज़ नहीं पड़ती है इसलिए इसकी आदत नहीं पड़ती .
जिसने 3 महीने खा लिया वो 30 साल तक फुदकता रहेगा . आइये देखते हैं की इसमें क्या है :
1. शतावरी
2. काली मूसली
3. सफ़ेद मूसली
4. अर्जुन की छाल
5. विदारीकन्द
6. यारसा गुम्बा
7. शिलाजीत
8. अकरकरा
9. अश्वगंधा
10. पसक बुमी
11. गोखरू
12. कौंच
13. माइनो
14. ग्रीन टी
15. अंगूर के बीज
16. बकरा मद घास
17. बलकुवारी
18. पनाक्स जिन्सेंग
19. काली मिर्च
20. हिमालय संजीवनी
तैयार करने की विधि :
सबसे पहले इन सभी जड़ी बूटियों का अलग अलग अर्क निकाल लें . अब गोखरू ,शतावर ,विदारी कंद, कौंच, सफ़ेद मूसली , अर्जुन की छाल, काली मूसली , अकरकरा का 40 – 40 ग्राम अर्क लेकर मिला लें . अब इसमें 24 -24ग्राम अश्वगंधा ,हिमालय संजीवनी, यारसा गुम्बा और अंगूर के बीज का अर्क मिला दें . इस मिश्रण में पसक बुमी , पनाक्स जिन्सेंग , शिलाजीत , माइनो और ग्रीन टी का अर्क 16 – 16 ग्राम मिला दें . इसमें बकरा मद घास और बलकुवारी का 8 – 8 ग्राम अर्क मिला दें . तैयार मिश्रण में 1 ग्राम काली मिर्च का अर्क मिलाकर अच्छी तरह मिला लें . बस तैयार है सभी वियाग्रा, रस, चूर्ण , पाक, अवलेह का सम्राट . क्या नाम रखा जाए इसका ? चलिए ‘चक्रवर्ती अर्क ‘ रख लेते हैं .
सेवन की विधि :
उम्र और समस्या की गंभीरता को देखते हुए 5 ग्राम सुबह शाम 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर लें . महिलाओं के लिए भी समान रूप से लाभकारी है , बस इसके साथ कसिप फातिमा (प्राक्रतिक वूमेन वियाग्रा ) दें .
चेतावनी : कुंवारे , विदुर/विधवा लोग इसे न लें .
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