आज से लगभग 30-40 साल पहले जनता को आयोडीन नमक के बारे में बिलकुल पता नहीं था , जनता में आयोडीन की कमी नहीं थी,
यदि मानव इतिहास देखे तो जीसस क्राइस्ट काल या उससे भी पहले पाँच हज़ार वर्ष पूर्व महाभारत या दस लाख वर्ष पूर्व रामायण पुराण आदि में एक भी उदहारण प्राप्त नहीं होता जहां आयोडीन के कमी के लक्षण दिखाई देवे।
अचानक ही लगभग 30 साल पहले सरकार ने लाखों करोडो का टीवी और समाचार पत्र में विज्ञापन दे दे कर ब्रेनवाश शुरू किया कि भारत में आयोडीन की कमी है बच्चो के मानसिक विकास के लिए आयोडीन युक्त नमक ही खाये और भोली भारत की जनता ने इसे आदर्श मान लिया, तब भारत में बर्थ रेट 40 प्रति 1000 था.
आज तीस वर्ष बाद भारत में आयोडीन नमक के कारण बर्थ रेट लगभग 8 प्रति 1000 है. ठीक है जनसँख्या कम होनी चाहिए लकिन ये तरीका ??
भारत में आयोडीन की बिलकुल कमी नहीं है और इसकी पूर्ति दूध और हरी सब्जियों से पूरी हो जाती है आवश्यकता से अधिक आयोडीन खाने से कंठ में स्थित थाइरॉइड ग्रंथि अधिक हार्मोन बनाती है जिससे स्त्रियों में बाँझपन pco अनियमित मासिक स्राव इत्यादि रोग होते है
आज भारत में 70% स्त्रियों में बाँझपन और बच्चे नहीं होने का कारण आयोडीन नमक से उत्पन्न थाइरॉयड समस्या है.
वहीँ पुरुषों में भी आयोडीन नमक से hyperthyroidism के कारण उच्च रक्तचाप मानसिक तनाव अनिद्रा ह्रदय में तेज़ धड़कन नपुंसकता आदि रोग होते है आज भारत की जनता को गिनी पिग बना कर आयोडीन नमक के एक्सपेरीमेन्ट के कारण कई परिवारों के अस्तित्व समाप्त हो गए है
यदि भारत में आयोडीन नमक (इसका विकल्प सादा खुला बिकने वाला समुद्री नमक और सेन्धा नमक है) , रिफाइंड तेल (इसका विकल्प मूंगफली सरसो जैतून तिल आदि खरीद कर तेल निकलवाए) फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट , अंग्रेजी दर्दनिवारक दवाएं जैसे ब्रूफिन डिक्लोफेनेक असेक्लोफेनेक, आटे और ब्रेड में ब्रोमाइड ,पेप्सी कोला आदि कूलड्रिंक ,पानी में क्लोरीन ब्लीच (इसका विकल्प ओज़ोन है)और एंडोसल्फान जैसे कीटनाशक बन्द हो गए तो भारत में कैंसर ह्रदय थाइरॉइड और किडनी रोग ख़त्म और भारत के 80-90% अस्पताल बन्द हो जाएंगे
1) फ्लोराइड जो टूथपेस्ट में मिलाया जाता है वह जहर है आप केवल बिना फ्लोराइड के टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल कीजिये
2) ओरल पोलियो वेक्सीन जिसमे नामक कैन्सर उत्पन्न करने वाले वाइरस को मिलाया गया है (गूगल सर्च कीजिये)
3)टेटनस टैक्सओइड वेक्सीन (टीटी इंजेक्शन) में स्त्रियों को बाँझ बनाने की दवा की मिलावट .. अपनी लाडली बेटियों को कभी भी टीटी का इंजेक्शन न दिलाये शायद वे जिंदगी में कभी माँ न बन पायेगी क्योकि उसमे anti -HCG antibody की मिलावट की गयी है,विश्वास नहीं हो रहा है tetanus HCG Kenya लिख कर गूगल कीजिये अभी तो केन्या की रिपोर्ट आई है लेकिन भारत में बीस साल पहले यह प्रयोग हो चुका है अब भी जारी है.
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