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Monday 17 July 2017

जानिए कितने खतरनाक है टांग व बांह पर उभरी हुई नीली नसें? आखिर क्यों दिखती है ये उभरी हुई नसें?


आपने अक्सर देखा होगा कि कभी पैरों या टांगों में त्वचा के ऊपर मकड़ी के आकार की नीले रंग की उभरी हुई नसें दिखाई देती हैं। कभी यह पैरों या टांगों की अपेक्षा जांघों पर ज्यादा दिखाई देती हैं या फिर टखने के पास कभी ये नीली नसें पैरों या टांगों पर काफी बड़े आकार में हो जाती हैं।

कभी आपने गौर किया होगा आपके परिवार के सदस्यों की बांह पर नीली नसें ज्यादा मात्रा में उभरी हुई होंगी और साथ ही साथ हाथ में सूजन भी आती होगी। कभी आपने कुछ लोगों में विशेषत: छाती के ऊपरी हिस्से में और गर्दन के निचले हिस्से पर उभरी हुई नीली नसों का जमाव देखा होगा।    कुछ लोगों में उभरी हुई केंचुएनुमा बड़े आकार की नसें पेट के एक तरफ हिस्से पर या दोनों तरफ देखी होंगी। ये गुच्छेनुमा उभरी हुई नीली नसों का जमाव चाहे छाती या गर्दन पर हो, चाहे बांह या पेट पर हो, चाहे जांघों या फिर पैरों या टांगों पर हों, उसको सामान्य न समझकर गंभीरता से लें अन्यथा लापरवाही के कारण इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ये असामान्य तरीके से त्वचा पर दिखने वाली उभरी हुई नीली नसें शरीर के अंदर विभिन्न रोगों की ओर इशारा करती हैं। अत: शरीर के किसी भी अंग पर उभरी हुई नीली नसों को गंभीरता से लें और तुरंत किसी वैस्कुलर सर्जन से परामर्श लें।

आखिर क्यों दिखती है ये उभरी हुई नसें?
ये उभरी हुई नसें शरीर के ऊपरी सतह पर स्थित शिराओं यानी वेन्स का जाल है, जो सामान्य परिस्‍थितियों में त्वचा पर ज्यादा उभार नहीं लेती हैं और शरीर के अंदर स्थित मोटी-मोटी शिराओं वाले सिस्टम से जुड़ी रहती हैं। ऊपरी सतह में स्थित शिराओं का जाल ऊपरी सतह से अशुद्ध खून को इकट्ठा कर शरीर की गहराई में स्थित बड़ी शिराओं के सिस्टम में पहुंचाता है, जहां से सारा अशुद्ध खून इकट्ठा होकर दिल से होते हुए फेफड़े में शुद्धिकरण के लिए पहुंचता है। अगर किसी वजह से शरीर के अंदर गहराई में स्‍थित मोटी शिराओं के सिस्टम में रुकावट आ जाती है तो ये बाहरी सतह से आने वाले खून को स्वीकार नहीं कर पाता है जिससे अशुद्ध बजाय अंदर जाने के खाल के अंदरुनी सतह में समाहित रहता है जिससे खाल के नीचे स्थि‍त शिराओं के सिस्टम में अशुद्ध खून की मात्रा ज्यादा होने से ये नीली नसें खाल के ऊपर उभरकर बड़ी मात्रा में दिखाई देने लगती है।

आपकी बांह या हाथ में उभरी हुई नसों का कारण
अगर आपके शरीर में बांह या हाथ पर उभरी हुई नीली नसें अचानक दिखने लगी हों और बराबर हों तो इसका कारण हाथों से अशुद्ध खून इकट्ठा करने वाली वेन यानी शिरा में या तो खून के कतरे स्थायी रूप से जमा हो गए हैं या फिर गर्दन या कंधे के पास स्‍थित कोई ट्यूमर या कैंसर की गांठ उस पर बाहर से दबाव डाल रही है। कभी-कभी गर्दन या कंधे के पास स्थि‍त कैंसर वाले ट्यूमर की सिंकाई के दौरान भी सूजन के साथ नीली नसों के उभरने की आशंका हो सकती हैl

जांघों या टांगों में उभरी हुई नीली नसों का दिखना 
अगर आपकी जांघ में मकड़ी के जाले की तरह जगह-जगह नीली नसें उभरी हुई दिख रही हैं तो इसको सामान्य न समझें। इसको किसी वैस्क्युलर या कार्डियो वैस्क्युलर सर्जन को दिखाकर उनकी सलाह जरूर लें। इस तरह की उभरी हुई नीली नसों के दो कारण होते हैं- एक कारण क्रोनिक वीनस इन्सफीशियन्सी यानी सीवाआई का रोग है जिसमें वेन के अंदर स्थित कपाट यानी दरवाजे कमजोर पड़ जाते हैं। सामान्यत: इन शिराओं में स्थित कपाट अशुद्ध खून को एक ही दिशा में ऊपर चढ़ाने की अनुमति देते हैं जिससे टांगों में अशुद्ध खून की ज्यादा मात्रा इकट्ठा न हो पाए। ऊपर चढ़ा हुआ खून अगर वापस आने की कोशिश करता है तो ये कपाट आपस में बंद हो जाते हैं जिससे खून नीचे वापस नहीं आ पाता है। जब ये कपाट किन्हीं कारणों से बंद हो जाते हैं या इनकी संरचना में कोई गंभीर परिवर्तन हो जाता है तो ऊपर चढ़ने वाले खून का कुछ या ज्यादा हिस्सा इन कपाटों के कमजोर होने की वजह से ऊपर जाकर फिर ‍नीचे की ओर आ जाता है। ये वापस आने की क्रिया निरंतर दोहराए जाने पर अशुद्ध खून खाल के नीचे स्थित शिराओं में इकट्ठा होना शुरू हो जाता है जिससे खाल पर नीली नसों का उभार दिखने लगता है। ये शिराओं में स्थित कपाट लोगों में प्रतिदिन नियमित न चलना व व्यायाम का अभाव होने से कमजोर पड़ जाते हैं और अपना कार्य सुचारु रूप से नहीं कर पाते। कपाटों की संरचना में परिवर्तन नसों में खून के कतरे कुछ समय के लिए इकट्ठा होने की वजह से आंशिक रूप से नष्ट हो जाते हैं जिससे वे आपस में ठीक से बंद नहीं हो पाते जिससे ऊपर चढ़ा हुआ अशुद्ध खून नीचे आना शुरू हो जाता है और खाल के नीचे उभरी हुई नस दिखने लगती है।

इसका कोई भी संभावित या पर्टीकूलर इलाज उपलब्ध नहीं है प्रेशर बैंडेज बांधकर इसको कुछ हद तक रोका जा सकता है

  इसके इलावा एप्पल साइडर सिरका इस में काफी हद तक लाभकारी हो सकता है एप्पल साइडर सिरके से हल्की की मालिश करनी चाहिए और दो दो चम्मच दिन में दो बार लेना चाहिए पानी में डालकर एसिडिटी के मरीजों को एप्पल साइडर सिरके का प्रयोग नहीं करना चाहिए अगर करना भी जरुरी हो तो एसिडिटी की दवाइयां साथ में लेते रहे

एक देशी ईलाज उपयोग करके देखिए इसे 
सर्दियों में तीखी मूली का रस निकाल कर उसमें आटा भिगोकर रोटी बनाइए रोटी मोटी मोटी हो। फिर उस रोटी को और मूली का रस ले कर उसमें डाल कर चूरमें की तरह से कर लें जो चुरमा बने उसे वेरिकोस वैनस पर लगा कर ऊपर से कपड़ा बाँध कर रात भर रखें सवेरे उतारे ऐसा एक महीने तक करने से बहुत लाभ मिलता है। थोड़ी खुजली हो तो समझे के आप की बीमारी ठीक हो रही है पर खुजलाये ना। 


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