सफेद मूसली और अश्वगंधा और शतावर कौंच के बीज को बराबर मात्रा में पीसकर इसका चूर्ण बना लें और लगातार दो महीने तक सुबह शाम एक एक चम्मच इस मिश्रण का गुनगुने मीठे दूध के साथ खाएं 2 महीने के अंदर अंदर आप की नपुसंकता की बीमारी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी!!
लिंग वृद्धि लिंग को बढ़ाने के लिए
असगंधा, शालपर्णी को तेल में पकाकर लिंग पर लगातार दो महीने तक इसकी मालिश करने से लिंग की लंबाई और मोटाई बढ़ जाएगी ! असगंध, बच, शतावरी आदि को तिल में अच्छी तरह से पकायें। सब औषधियों के जल जाने पर ही उसे आग से उतारे और लिंग पर मालिश करें। कम से कम लिंग पर 15 मिनट मालिश करें और रोज सोने से पहले आपका दिन पूरा कड़क हो जाएगा टाइट हो जाएगा टाइटनेस आपके लिंग में भरपूर आएगी!! आपकी अंदर से कुछ इच्छा शक्ति बढ़ेगी आपका स्टेमिना पड़ेगा यह सेवन करने के बाद! का छोटापन दूर हो जाता है।
स्तनों के आकार में वृद्धि
शतावर और अश्वगंधा को मिलाकर स्कोर 10 दिन तक गेहूं की टंकी में दबाकर फिर इसे निकाल कर हर रोज एक एक चम्मच सुबह शाम पानी के साथ खाने से किसी भी महिला के सपनों में विकास हो सकता है और उसके स्तन पहले से सुडौल व मोटे हो सकते हैं!
असंगध नागौरी, गजपीपल और बच आदि को बराबर लेकर पीसकर चूर्ण बना लें, फिर मक्खन के साथ मिलाकर स्तनों पर लगायें सस्तन काफी सुंदर एवं टाइट होंगे!
स्तनों को सुंदर सुडोल करना
असगंध और शतावर को बारीक पीसकर पांच-पांच ग्राम मिशन बनाकर उसे शहद के साथ खाने से सतन सुडोल बनते हैं!!
वीर्य रोग में 50 ग्राम अश्वगंधा 50 ग्राम कौंच के बीज 50 ग्राम शतावर 50 ग्राम मूसली और 50 ग्राम सालमपंजा और 50 ग्राम सालम मिश्री 20 ग्राम सफेद मिश्री 30 ग्राम शिलाजीत 1 ग्राम स्वर्ण भस्म इन सबको मिलाकर अच्छे से बना लें चूर्ण टाइमिंग फिर इसका उपयोग एक एक चम्मच सुबह शाम दूध के साथ करो वीर्य गाढ़ा हो जाएगा ! और आपकी सेक्स टाइमिंग ऑटोमेटिकली बढ़ जाएगी!!
योनि रोग
सौ ग्राम दूध में 20 ग्राम अश्वगंधा मिलाकर अच्छे से गैस की हज पर दूध को पकाएं और जब वह ठंडा हो जाए तो उसमें दो चम्मच शहद के डालकर दूध के साथ उसे खाएं आप के सभी प्रकार के यौन रोग इसे समाप्त हो जाएंगे!
गर्भधारण मैं अश्वगंधा का उपयोग
अश्वगंधा का चूर्ण 50 ग्राम, पानी 2 लीटर गाय का दूध 3 50 मिलीलीटर तीनों को हल्की आंच पर पकाकार मिश्री और 6 ग्राम गाय का घी मिलाकर सेवन करें! स्त्री अवश्यगर्भ धारण करती है।
अश्वगंधा का चूर्ण, गाय के घी में मिलाकर मासिक-धर्म स्नान के पश्चात् प्रतिदिन गाय के दूध के साथ या ताजे
पानी से 4-6 ग्राम की मात्रा में 1 महीने तक निरंतर सेवन करने से स्त्री गर्भधारण अवश्य करती है।
श्वेतप्रदर
अश्वगंधा के एक चम्मच को गुड के साथ लेने से बहुत लाभ होता है!! सफेद मूसली और अश्वगंधा को 10 10 ग्राम मिलाकर दूध के साथ पीने से स्टेमिना बढ़ता है और नपुसंकता दूर होती है!
कमजोरी
अश्वगंधा के सेवन से कमजोर से कमजोर व्यक्ति भी शक्तिशाली बन जाता है एक चम्मच अश्वगंधा का चूर्ण शहद में मिलाकर खाने से शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है!!
अश्वगंधा का चूर्ण 10 ग्राम चूर्ण में 5 ग्राम शहद और 5 ग्राम शिलाजीत मिलाने से बुड्ढा आदमी भी जवान जैसा महसूस करने लग जाता है अंदर से स्टेमिना बढ़ जाता है और जोश आता है शरीर की सारी कमजोरी दूर हो जाती है!!
बांझपन दूर करना
असगंध, नागकेसर और गोरोचन इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस कर सेवन करने से बांझपन की बीमारी खत्म हो जाती है और आप आराम से बच्चा पैदा कर सकते हो!
गर्भधारण
असगंध के काढे़ में दूध और घी मिलाकर 15 दिनों तक पिलाने महिला गारंटी के साथ गर्भधारणा हासिल कर सकती है!
मासिक-धर्म
अगर आप का मासिक धर्म सही समय पर नहीं आता है तो 15 ग्राम गिलोय 10 ग्राम दालचीनी और 20 ग्राम अश्वगंधा और 5 ग्राम कौंच के बीज इन सबको पीसकर लगातार खाने से आप का मासिक धर्म बिल्कुल सही समय पर आएगा!
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