सभी को कूटपीसकर कपड़छन करें बाद में मिश्री पीसकर मिलायें.......
६-१० ग्राम तक चूर्ण फाँक कर ऊपर से मिश्री मिला हुआ गाय का दूध पियें.....
प्रात: खाली पेट , रात्री को सोने से पहले लें.......
शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, कामशक्ति में शिथिलता, वीर्यक्षय, नपुंसकता, शुक्राणुहीनता, धात जाना, उत्तेजना में कमी, वृद्धावस्थाजन्य दुर्बलता, हस्तमैथुन से उत्पन्न विकार आदि को नष्ट कर सबल और सक्षम बनाता है...
इसे संयम और ब्रह्मचर्य का पालन कर सेवन करें और इच्छित लाभ उठायें......
परहेज़:- किसी भी प्रकार का अम्लीय पदार्थ, लाल मिर्च, गरिष्ठ भोजन, अश्लील साहित्य से बचें.
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