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Wednesday 19 July 2017

पौरुष शक्ति वृद्धि एवं शीघ्रपतन की सफ़ल चिकित्सा


 कबाब चीनी, गिलोय सत्व, लाल बहमन, सफेद बहमन, तालमखाना, दारचीनी, तुख्म छोटी इलायची, तुख्म श्यामा तुलसी, तुख्म वरियारा, अकरकरा, तुख्म काहू, तुख्म उटंगन, जायफल, तुख्म इमली, सकाकुल मिश्री, मोचरस, तुख्म कासनी, लवंग....प्रत्येक ५०-५० ग्राम, गोखरू, कौंच बीज, सफेद मूसली, स्याह मूसली, सालम मिश्री, विदारीकन्द, अश्वगन्धा, शतावर, विधारा, बबूल गौंद, यष्ठीमधु,सेमल मूसली, बूल की फली, आँवला, अजवाईन प्रत्येक १०० ग्राम, मिश्री २ किलो २५०ग्राम....

सभी को कूटपीसकर कपड़छन करें बाद में मिश्री पीसकर मिलायें.......
६-१० ग्राम तक चूर्ण फाँक कर ऊपर से मिश्री मिला हुआ गाय का दूध पियें.....
प्रात: खाली पेट , रात्री को सोने से पहले लें.......

शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, कामशक्ति में शिथिलता, वीर्यक्षय, नपुंसकता, शुक्राणुहीनता, धात जाना, उत्तेजना में कमी, वृद्धावस्थाजन्य दुर्बलता, हस्तमैथुन से उत्पन्न विकार आदि को नष्ट कर सबल और सक्षम बनाता है...

इसे संयम और ब्रह्मचर्य का पालन कर सेवन करें और इच्छित लाभ उठायें......

परहेज़:- किसी भी प्रकार का अम्लीय पदार्थ, लाल मिर्च, गरिष्ठ भोजन, अश्लील साहित्य से बचें.

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