स्त्रियों के स्तनों में भी कई प्रकार की बिमारियाँ हो जाती हैं. जिनके हो जाने पर स्त्रियाँ अक्सर बहुत ही परेशान रहती हैं.
स्तनों की बिमारियां स्त्रियों के लिए कई बार जानलेवा भी हो सकती हैं. ऐसी ही एक बिमारी स्तन कैंसर हैं. जिसके होने पर स्त्रियों के बचने की कम उमीद होती हैं.
इसके आलावा महिलाओं के स्तनों से सम्बन्धित कई प्रकार की बिमारियां हैं. जैसे – स्तनों में सूजन होना, अतिस्थूल स्तन, थनैला, अविकसित स्तन आदि समस्याएं. स्तनों से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की समस्या के होने पर महिला को तुरंत उपचार करना चाहिए.
कुछ महिलाएं इन समस्याओं के होने पर डॉक्टर के पास जाने से हिचकिचाती हैं या शर्म के कारण नहीं जाती.
ऐसी महिलाओं के लिए आयुर्वेदिक उपचार बहुत ही फायदेमंद होते हैं. जिनका प्रयोग महिला अपने घर पर ही कर सकती हैं. इन समस्याओं से निदान के लिए महिलाएं आयुर्वेदिक उपचारों का प्रयोग कर सकती हैं.
स्तन कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार
स्तन कैंसर महिला के शरीर की कोशिकाओं का एक
रोग होता हैं. हमारे शरीर का प्रत्येक अंग कोशिकाओं से बना होता हैं.
जैसे – जैसे हमारे शरीर को जरूरत होती हैं ये कोशिकाएं विभिन्न भागों में बट जाती हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता हैं की शरीर के अंगों में ये असामान्य तरीके से बढती रहती हैं. लगातार बढने से ये कोशिकाएं एक साथ जमा हो जाती हैं. जो बाद में एक गांठ बन जाती हैं और ट्युमर का रूप धारण कर लेती हैं. आज के समय में महिलाओं के स्तन में होने वाली बिमारियों में से अधिकतर महिलाएं स्तन कैंसर कि बिमारी से पीड़ित होती हैं.
स्तन कैंसर महिलाओं के स्तन से जुडी हुई बहुत ही गम्भीर बिमारी होती हैं. इस बीमारी के होने पर महिलाओं की जान भी जा सकती हैं. इसलिए इस बीमारी के होने पर तुरंत महिलाओं को अपना उपचार करना चाहिए.
आज के समय में आयुर्वेदिक उपचारों की सहायता से हर बिमारी को दूर किया जा सकता हैं. आयुर्वेद के पास महिलाओं की इस भयंकर बिमारी को दूर करने के लिए भी बहुत से उपचार हैं जिनका प्रयोग महिलाएं इस गम्भीर बिमारी से बचने के लिए कर सकती हैं.
स्तन कैंसर होने के कारण
1. स्तन कैंसर के होने का कारण महिला की अधिक आयु हो सकती हैं.
2. यदि महिला को स्तन से सम्बन्धित कोई रोग पहले हुआ हैं. तो भी स्तन कैंसर हो सकता हैं.
3. महिलाओं के शरीर में कोशिकाओं का असामान्य रूप से बढने के कारण भी यह रोग हो जाता हैं.
4. स्तन कैंसर होने का एक कारण महिला को मसिक धर्म उम्र से पहले या अधिक देरी से होना भी हो सकता हैं.
5. स्तन कैंसर के होने का कारण महिला का देरी से माँ बनना भी हो सकता हैं.
स्तन कैंसर के लक्षण
1. स्तन कैंसर की शुरुआत में महिला के स्तनों में छोटी – छोटी गांठे बनने लगती हैं. लेकिन छुने पर इन गांठों का पता नहीं चलता.
2. स्तन कैंसर की शुरुआत में महिला के स्तनों में हुई गांठों में लगातार दर्द होता हैं.
3. स्तन कैंसर के होने पर महिलाओं के स्तन अचानक ही बढ़ जाते हैं.
4. स्तन कैंसर के आरम्भ में महिलाओं के स्तनों के साइड के इस्सों में सूजन आ जाती हैं.
5. स्तन कैंसर के होने पर स्तन के निप्पल लाल हो जाते हैं. तथा कभी – कभी स्तनों से खून भी आता हैं.
6. स्तन कैंसर होने पर महिला के स्तनों में गड्ढा भी हो सकता हैं.
7. स्तन कैंसर की शुरुआत में स्तनों के निप्पल पर छोटी – छोटी फुंसी निकल सकती हैं.
8. स्तन की त्वचा पर झुरियां आना अथवा स्तन के ऊतकों का गाढ़ा हो जाना भी स्तन कैंसर के लक्षण होते हैं.
स्तन कैंसर को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
1. अगर किसी महिला को अपने स्तनों में स्तन कैंसर के कुछ शुरूआती लक्षण नजर आते हैं. तो वह इस बीमारी से बचने के लिए हर्बल ग्रीन टी का प्रयोग कर सकती हैं. इसके लिए एक गिलास पानी में हर्बल ग्रीन टी को डालें और पानी को उबालने के लिए रख दें. अब पानी में ग्रीन टी को तब तक उबालें जब तक की पानी आधा न हो जाए. अब ग्रीन टी का सेवन करें. रोजाना ग्रीन टी का सेवन करने से महिला के स्तनों की यह बिमारी नियंत्रित हो जाती हैं.
2. स्तन कैंसर के प्रभाव से बचने के लिए महिलाएं अंगूर तथा अनार के जूस का भी प्रयोग कर सकती हैं. रोजाना अंगूर का जूस और अनार के जूस का सेवन करने से महिला स्तन कैंसर के दुष्प्रभाव से बच सकती हैं.
3. स्तन कैंसर की बिमारी से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं कुछ चीजों का प्रयोग कर सकती हैं. स्तन कैंसर के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए सोंठ लें. नमक लें. मूली लें. सरसों के दानें लें. शमी लें और सहिजन के बीज लें. अब इन सब की एक समान मात्रा लें और इन सब को खट्टे छाज के साथ पीस लें. अच्छी तरह से पिसने के बाद इस लेप को अपने स्तनों पर लगायें. लेप लगाने के बाद एक नमक की पोटली बनाए. लेप लगाने के डेढ़ घंटे बाद नमक की पोटली से स्तनों की 20 या 25 मिनट तक सिकाई करें. रोजाना इस लेप को लगाकर नमक की पोटली के द्वारा स्तन को सेंकने से आपको जल्द ही स्तन कैंसर के रोग से मुक्ति मिल जाएगी.
4. महिलाएं स्तन कैंसर के रोग के होने की सम्भावना से बचने के लिए भी पहले से ही उपचार कर सकती हैं. यह रोग आपको कभी न हो इसके लिए रोजाना लहसुन का सेवन करें. लहसुन स्तन कैंसर के रोग के होने की सम्भावना को बिल्कुल खत्म कर देता हैं.
5. अगर किसी महिला के स्तनों में कैंसर की शुरुआत हुई हैं. तो इसके दुष्प्रभावों को बढने से रोकने के लिए पोई के पत्तों का इस्तेमाल कर सकती हैं. स्तन कैंसर के रोग को फैलने से रोकने के लिए महिलाएं पोई के पत्तों को पीसकर इसके पिंड बना लें और इसका अपने स्तनों पर लेप करें. इसके आलावा महिलाएं पोई के पत्तों को अपने स्तन पर बांध भी सकती हैं. दोनों में से किसी भी एक उपाए को अपनाकर महिला स्तन कैंसर को बढने से रोक सकती हैं
जैसे – जैसे हमारे शरीर को जरूरत होती हैं ये कोशिकाएं विभिन्न भागों में बट जाती हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता हैं की शरीर के अंगों में ये असामान्य तरीके से बढती रहती हैं. लगातार बढने से ये कोशिकाएं एक साथ जमा हो जाती हैं. जो बाद में एक गांठ बन जाती हैं और ट्युमर का रूप धारण कर लेती हैं. आज के समय में महिलाओं के स्तन में होने वाली बिमारियों में से अधिकतर महिलाएं स्तन कैंसर कि बिमारी से पीड़ित होती हैं.
स्तन कैंसर महिलाओं के स्तन से जुडी हुई बहुत ही गम्भीर बिमारी होती हैं. इस बीमारी के होने पर महिलाओं की जान भी जा सकती हैं. इसलिए इस बीमारी के होने पर तुरंत महिलाओं को अपना उपचार करना चाहिए.
आज के समय में आयुर्वेदिक उपचारों की सहायता से हर बिमारी को दूर किया जा सकता हैं. आयुर्वेद के पास महिलाओं की इस भयंकर बिमारी को दूर करने के लिए भी बहुत से उपचार हैं जिनका प्रयोग महिलाएं इस गम्भीर बिमारी से बचने के लिए कर सकती हैं.
स्तन कैंसर होने के कारण
1. स्तन कैंसर के होने का कारण महिला की अधिक आयु हो सकती हैं.
2. यदि महिला को स्तन से सम्बन्धित कोई रोग पहले हुआ हैं. तो भी स्तन कैंसर हो सकता हैं.
3. महिलाओं के शरीर में कोशिकाओं का असामान्य रूप से बढने के कारण भी यह रोग हो जाता हैं.
4. स्तन कैंसर होने का एक कारण महिला को मसिक धर्म उम्र से पहले या अधिक देरी से होना भी हो सकता हैं.
5. स्तन कैंसर के होने का कारण महिला का देरी से माँ बनना भी हो सकता हैं.
स्तन कैंसर के लक्षण
1. स्तन कैंसर की शुरुआत में महिला के स्तनों में छोटी – छोटी गांठे बनने लगती हैं. लेकिन छुने पर इन गांठों का पता नहीं चलता.
2. स्तन कैंसर की शुरुआत में महिला के स्तनों में हुई गांठों में लगातार दर्द होता हैं.
3. स्तन कैंसर के होने पर महिलाओं के स्तन अचानक ही बढ़ जाते हैं.
4. स्तन कैंसर के आरम्भ में महिलाओं के स्तनों के साइड के इस्सों में सूजन आ जाती हैं.
5. स्तन कैंसर के होने पर स्तन के निप्पल लाल हो जाते हैं. तथा कभी – कभी स्तनों से खून भी आता हैं.
6. स्तन कैंसर होने पर महिला के स्तनों में गड्ढा भी हो सकता हैं.
7. स्तन कैंसर की शुरुआत में स्तनों के निप्पल पर छोटी – छोटी फुंसी निकल सकती हैं.
8. स्तन की त्वचा पर झुरियां आना अथवा स्तन के ऊतकों का गाढ़ा हो जाना भी स्तन कैंसर के लक्षण होते हैं.
स्तन कैंसर को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
1. अगर किसी महिला को अपने स्तनों में स्तन कैंसर के कुछ शुरूआती लक्षण नजर आते हैं. तो वह इस बीमारी से बचने के लिए हर्बल ग्रीन टी का प्रयोग कर सकती हैं. इसके लिए एक गिलास पानी में हर्बल ग्रीन टी को डालें और पानी को उबालने के लिए रख दें. अब पानी में ग्रीन टी को तब तक उबालें जब तक की पानी आधा न हो जाए. अब ग्रीन टी का सेवन करें. रोजाना ग्रीन टी का सेवन करने से महिला के स्तनों की यह बिमारी नियंत्रित हो जाती हैं.
2. स्तन कैंसर के प्रभाव से बचने के लिए महिलाएं अंगूर तथा अनार के जूस का भी प्रयोग कर सकती हैं. रोजाना अंगूर का जूस और अनार के जूस का सेवन करने से महिला स्तन कैंसर के दुष्प्रभाव से बच सकती हैं.
3. स्तन कैंसर की बिमारी से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं कुछ चीजों का प्रयोग कर सकती हैं. स्तन कैंसर के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए सोंठ लें. नमक लें. मूली लें. सरसों के दानें लें. शमी लें और सहिजन के बीज लें. अब इन सब की एक समान मात्रा लें और इन सब को खट्टे छाज के साथ पीस लें. अच्छी तरह से पिसने के बाद इस लेप को अपने स्तनों पर लगायें. लेप लगाने के बाद एक नमक की पोटली बनाए. लेप लगाने के डेढ़ घंटे बाद नमक की पोटली से स्तनों की 20 या 25 मिनट तक सिकाई करें. रोजाना इस लेप को लगाकर नमक की पोटली के द्वारा स्तन को सेंकने से आपको जल्द ही स्तन कैंसर के रोग से मुक्ति मिल जाएगी.
4. महिलाएं स्तन कैंसर के रोग के होने की सम्भावना से बचने के लिए भी पहले से ही उपचार कर सकती हैं. यह रोग आपको कभी न हो इसके लिए रोजाना लहसुन का सेवन करें. लहसुन स्तन कैंसर के रोग के होने की सम्भावना को बिल्कुल खत्म कर देता हैं.
5. अगर किसी महिला के स्तनों में कैंसर की शुरुआत हुई हैं. तो इसके दुष्प्रभावों को बढने से रोकने के लिए पोई के पत्तों का इस्तेमाल कर सकती हैं. स्तन कैंसर के रोग को फैलने से रोकने के लिए महिलाएं पोई के पत्तों को पीसकर इसके पिंड बना लें और इसका अपने स्तनों पर लेप करें. इसके आलावा महिलाएं पोई के पत्तों को अपने स्तन पर बांध भी सकती हैं. दोनों में से किसी भी एक उपाए को अपनाकर महिला स्तन कैंसर को बढने से रोक सकती हैं
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