स्तन में दूध बढ़ाने के लिए माँ को पौष्टिक आहार लेना चाहिए। चिन्ता , शोक आदि से दूर रहना चाहिये। निश्चिंत और प्रसन्न रहकर शिशु के सिर पर लाड़ प्यार से हाथ फिराते हुए भावुकता के साथ स्तन पान कराने से स्तन में दूध बढ़ता है तथा शिशु को पर्याप्त मात्रा में दूध मिलता है।
ऐसा दूध पीकर शिशु भी तृप्त होता है। इसके अलावा संगी मनी के बताये इन उपायों को करने से लाभ होता है :
चावल और थोड़ा सफेद जीरा दूध में डालकर खीर बनाएं। इस खीर को कुछ दिन रोज खाने से स्तन के दूध में वृद्धि होती है।
एक गिलास दूध में शतावर का एक चम्मच चूर्ण मिलाकर रोज पीने से स्तन में दूध बढ़ता है।
शाम के समय माँ यदि पेट भर के दूध दलिया खाती है तो शिशु को दूध की कमी नहीं रहती ।
सुबह शाम एक गिलास दूध में एक चम्मच पिसा हुआ सफेद जीरा व एक चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर पीने से स्तन दूध से भर जाते है।
खून की कमी के कारण स्तन से दूध कम आता हो तो पका हुआ पपीता रोजाना खाना चाहिए। एक गिलास दूध में 10 -12 मुनक्का उबालकर खाएं ऊपर से ये दूध पी लें। इन उपायों से खून की कमी भी दूर होती है और स्तन के दूध में वृद्धि होती है।
एरण्ड के तेल की हल्के हाथ से स्तन की मालिश दिन में दो बार करने से स्तन में दूध बढ़ता है।
खाने का गोंद ( पंसारी से लें ) घी में तल कर पीस लें। एक कप उबलते पानी में एक चम्मच ये पिसा हुआ गोंद , एक चम्मच चीनी और
एक चुटकी पिसी इलायची मिलाकर सुबह शाम गुनगुना पीने से स्तन से खूब दूध आता है। इसे गोंद की रवी कहते है
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