मासिक धर्म स्त्री में होने वाली एक स्वाभाविक प्रक्रिया है| किसी कन्या को जो सबसे पहली बार ऋतूस्राव होता है उसे रजोदर्शन कहते हैं यह मासिक धर्म हर एक 28 दिन के अंतराल से लगभग 45 से 50 वर्ष की उम्र तक बना रहता है ! यह स्राव 3 दिनों से लेकर 6 दिनों के समय के लिए होता है ! माहवारी या हत्रल गर्भाशय से आता है एवं योनी मार्ग से बहार निकलता है यह बहुत न गाड़ा और न बहुत पतला है इसका रंग कुछ कालिमा लिए हुए लाल है ! इससे पता चलता है की कन्या अब युवा हो गयी है !
लक्षण :-
महिलाओं में या युवा लड़कियों में आमतौर पर रजोप्रव्रती के समय पेट में अत्यधिक दर्द होना मासिक धर्म का नियमित न होना एवं कभी जल्दी या कभी देर से आना और खून के थक्कों के साथ आना ऋतुस्राव का अनियमित होना कहलाता है ! ऐसी स्थिति में पुरुष अगर सम्भोग करता है तो उसे संक्रमण होने की संभावना रहती है इसीलिए ऋतुस्राव के दौरान कभी सेक्स नहीं करना चाहिए तथा मासिक धर्म का दर्द युवतियों की आम समस्या रहती है ! जिसमे खासतौर से बीज वाहिनी एवं अंडाशय की विक्रति के साथ साथ मलावरोध की भी शिकायत रहती है महिलाओं को अनेक रोगों के साथ कमर में विकराल पीड़ा सर में दर्द उलटी आदि लक्षण होते है !
कारण :-
शरीर में बहुत ज्यादा आलस्य, खून की कमी, मैथुन दोष, माहवारी के समय ठंडी चीजों का सेवन, ठंड लग जाना, पानी में देर तक भीगना, व्यर्थ में इधर-उधर भ्रमण करना, शोक, क्रोध, दुःख, मानसिक उद्वेग, तथा मासिक धर्म के समय खाने-पीने में असावधानी – इन सभी कारणों से मासिक धर्म रुक जाता है या समय से नहीं होता|
पहचान :-
गर्भाशय के हिस्से में दर्द, भूख न लगना, वमन, कब्ज, स्तनों में दर्द, दूध कम निकलना, दिल धड़कना, सांस लेने में तकलीफ, कान
कान में तरफ-तरह की आवाजें सुनाई पड़ना, नींद न आना, दस्त लगना, पेट में दर्द, शरीर में जगह-जगह सूजन, मानसिक तनाव, हाथ, पैर व कमर में दर्द, स्वरभंग, थकावट, शरीर में दर्द आदि मासिक धर्म रुकने के लक्षण हैं|
नुस्खे :-
1. 3 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से माहवारी ठीक हो जाती है|
2. दूब का रस एक चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सुबह के समय पीने से रुकी माहवारी खुल जाती है|
3. कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर कुछ दिनों तक खाने से मासिक धर्म खुलकर आने लगता है|
4. ग्वारपाठे का रस दो चम्मच की मात्रा में खाली पेट लगभग दो सप्ताह तक सेवन करें|
5. 10 ग्राम तिल, 2, ग्राम कालीमिर्च, दो नग छोटी पीपल तथा जरा-सी शक्कर-सबका काढ़ा बनाकर पीने से मासिक धर्म खुलकर आने लगता है|
6. 3 ग्राम तुलसी की जड़ का चूर्ण शहद के साथ सेवन करें|
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